खेती योग्य भूमि को बेचने में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई

उपायुक्त जम्मू के समक्ष लोगों ने खोला समस्याओं का पिटारा

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आरएस पुरा । जिला उपायुक्त जम्मू सचिन कुमार वैश्य ने बुधवार को सुचेतगढ़ तहसील के अधीन आते गांव चकरोई स्थित सरकारी भवन परिसर में लगाए गए विशेष शिकायत निवारण शिविर में लोगों की समस्याओं का समाधान किया। जनता और अधिकारियों के साथ परामर्श कर शिकायतों का निवारण किया गया।

उन्होंने त्वरित शिकायत निवारण की आवश्यकता पर बल दिया। इस मौके पर जिला विकास परिषद सदस्य तरनजीत सिंह टोनी तथा अन्य पंचायत के पूर्व सरपंच एवं पंच इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर पूर्व सरपंच श्यामलाल भगत ने पंचायत की समस्याओं को जिला उपयुक्त के समक्ष रखा। इसके अलावा उन्होंने राजस्व विभाग को लेकर लोगों को आ रही समस्याओं के बारे में भी जानकारी दी।

इस मौके पूर्व सरपंच रजनी चौधरी ने अपनी पंचायत की समस्याओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पानी की निकासी के लिए नाले का प्रबंध होना चाहिए और इसके अलावा ओल्ड दीवानगढ़ में सड़क का निर्माण कार्य पूरा होने के साथ-साथ पंचायत में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र खोला जाना चाहिए। पूर्व पंच प्रवीण सिंह ने बिजली ट्रांसफार्मर लगाने के साथ-साथ पंचायत सतोवली में सड़क किनारे लगे पेड़ों को काटने की मांग रखी और कहा कि इन पेड़ों के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं और उनकी जगह पर फलदार तथा छायादार पौधे लगाए जाने चाहिए।

इस मौके पर जिला विकास परिषद सदस्य तरनजीत सिंह टोनी ने नहर का सफाई कार्य समय पर पूरा किए जाने की मांग रखी। इस मौके पर जिला उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन का प्रयास है कि लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाए। इसके अलावा सरकारी नर्सरी में औषधीय पौधे लगाने की मांग भी रखी गई। इस मौके पर जिला उपायुक्त ने क्षेत्र में खेती योग्य भूमि के हो रहे व्यवसायीकरण पर चिंता जताते हुए कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से लगातार इस बात पर नजर रखी जा रही है की खेती योग्य भूमि को व्यवसायीकरण करने के लिए कौन से लोग जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि आरएस पुरा तथा विशनाह में जो लोग इस पर काम कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को भी कोई समस्या आ रही है तो वह उनके पास भी आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के शिकायत निवारण कार्यक्रम में आम लोगों की भागीदारी ज्यादा होनी चाहिए और आगे से इस तरह के कार्यक्रमों में कुर्सियां नहीं लगाई जाएंगी और लोगों की समस्याएं एक-एक करके सुनी जाएंगी।

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