आलू: साफ-सुथिरे कन्दों का चयन
आलू की फसल में जनवरी के प्रथम सप्ताह तक पौधों के ऊपरी भाग को काट दें, उसके बाद आलू को 20-25 दिनों तक जमीन के अन्दर ही पड़े रहने दें। ऐसा करने से आलू का छिलका कड़ा हो जायेगा और खराब नहीं होगा। 20 से 25 दिनों बाद खुदाई करके साफ–सुथरे कन्दों का चयन करें।
पत्तियों की कटाई
आलू बीजोत्पादन वाली फसल में पत्तियों की कटाई का कार्य 15 जनवरी से पहले अवश्य कर दें तथा कटे हुए पत्तों को खेत से बाहर गड्ढे में दबा दें।
मूली
बुआई
पूसा हिमानी मूली किस्म दिसम्बर से फरवरी तक लगा सकते हैं। यह 40 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है तथा हल्का तीखा स्वाद देती है।
जापानी व्हाइट मूली खेत में है तो सिंचाई तथा गुड़ाई समय–समय पर करें तथा खरपतवार निकाल दें।
सिंचाई
मूली व गाजर को तैयार होने पर उखाड़ने से 2-3 दिनों पहले हल्की सिंचाई करें। इन फसलों को उखाड़ने में देर न करें। देरी से इनकी गुणवत्ता खराब हो जाती है तथा मूल्य भी कम मिलता है।
चप्पन कद्दू
वाक इन टनल में चप्पन कद्दू, तथा अन्य कद्दू वर्गीय फसलों (लौकी) आदि जैसी बेमौसमी फसलें लगाकर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। चप्पन कद्दू की ऑस्ट्रेलियाई ग्रीन और पूसा अलंकार किस्मों की इस माह में बुआई कर सकते हैं। पूसा अलंकार की पैदावार 45 टन/हैक्टर तक होती है।
आंवला
आंवला के बाग में गुड़ाई करें एवं थाले बनायें। आंवला के एक वर्ष के पौधे के लिए 10 कि.ग्रा. गोबर/कम्पोस्ट खाद, नाइट्रोजन 100 ग्राम, फॉस्फेट 50 ग्राम व पोटाश 75 ग्राम देना आवश्यक है। 10 वर्ष या उससे ऊपर के पौधे में यह मात्रा बढ़कर 100 कि.ग्रा. गोबर/कम्पोस्ट खाद, नाइट्रोजन एक कि.ग्रा., फॉस्फेट 500 ग्राम व पोटाश 750 ग्राम का प्रयोग करें। उक्त मात्रा से पूरा फॉस्फोरस, आधी नाइट्रोजन व आधी पोटाश की मात्रा का प्रयोग जनवरी से करें।
– स्त्राेत : खेती पत्रिका, राजीव कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह, कपिला शेखावत, प्रवीण कुमार उपाध्याय, एस.एस. राठौर और अवनि कुमार सिंह,
– ‘सस्य विज्ञान संभाग एवं संरक्षित खेती और प्रौद्योगिकी,
– भाकृअनुप–भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान,
– पूसा, नई दिल्ली-110012