देश में एक निशानए एक विधान और एक प्रधान ही चलेगाः अमित शाह

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नारे को राजनीतिक करार दिया था

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 नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में टीएमसी के वरिष्ठ सदस्य सौगत रॉय के उस बयान पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नारे को राजनीतिक करार दिया था।

 

सदन में मंगलवार को जम्मू.कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक-2023 पर चर्चा के दौरान सौगत रॉय ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का एक देश में एक निशानए एक विधान और एक प्रधान का नारा राजनीतिक था। इससे जम्मू.कश्मीर की जनता से कोई लेना-देना नहीं है। सौगत रॉय के इस बयान को सुनते ही गृहमंत्री शाह नाराज हो गए। उन्होंने आसान के माध्यम से रॉय को संबोधित करते हुए कहा कि दादाए ये बयान आपत्तिजनक है। अब, आपकी उम्र हो चुकी है। शाह ने सवाल किया कि एक देश में दो प्रधानमंत्री, दो झंडे और दो संविधान कैसे हो सकते हैं, यह पूरी तरह गलत है। इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने इसको सुधारने का काम किया है। आपकी सहमति-असहमति से क्या होता है, जो देश चाहता था,ए वह किया गया। हमारे लिए यह चुनावी नारा नहीं था। इसकी मांग वर्ष 1950 से थीए जिसे हमने पूर किया है।

 

रॉय के बयान पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी आपत्ति जताते हुए आसान के माध्यम से रॉय को संबोधित करते हुए कहा कि आप पश्चिम बंगाल के दमदम लोकसभा क्षेत्र से आते हैं। अच्छा होता कि आप डॉ. मुखर्जी के बलिदान को आज याद करते। वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी रॉय के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वर्ष 2011 में लाल चौक पर तिरंगा तक नहीं फहराया जा सकता था। वहां पत्थरबाजी होती थीए लेकिन आज पूरे जम्मू-कश्मीर में तिरंगा लहरा रहा है और अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद से पत्थरबाजी खत्म हो चुकी है।

 

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