दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश- उमर अब्दुल्ला पूर्व पत्नी को बतौर अंतरिम गुजारा भत्ता डेढ़ लाख रुपये हर माह दें

पायल ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी

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नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट ने जम्मू.कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को आदेश दिया है कि वो अपनी पूर्व पत्नी पायल अब्दुल्ला को बतौर अंतरिम गुजारा भत्ता डेढ़ लाख रुपये हर महीने दें। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने उमर को यह भी निर्देश दिया कि वो अपने बेटे की पढ़ाई के लिए हर महीने साठ हजार रुपये दें।

 

पायल अब्दुल्ला ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पायल ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। ट्रायल कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि उमर अब्दुल्ला पायल अब्दुल्ला को हर महीने 75 हजार रुपये और बेटे की पढ़ाई के लिए 25 हजार रुपये दें। पायल अब्दुल्ला ने हाई कोर्ट से कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने अंतरिम गुजारा भत्ता के रूप में काफी कम राशि देने का आदेश दिया है।

 

सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि पायल और उनके दो बेटों ने जिस गुजारा भत्ता की मांग की हैए वो स्वीकार करने योग्य नहीं है। उमर की इस दलील का पायल अब्दुल्ला के वकील ने पुरजोर विरोध किया था और कहा था कि 2016 से पायल अकेले रह रही है औऱ उसे कोई खर्च नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि उसे अपने बेटों की फीस तक भरने के पैसे नहीं हैं । उमर ने कहा था कि पायल अपना गुजारा कर सकती हैंए क्योंकि उनका अपना व्यवसाय है और दिल्ली में उनका एक घर भी है । बेटे भी अब बड़े हो गए हैंए जो गुजारा भत्ता नहीं मांग सकते हैं ।

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